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Thursday, 23 April 2009

शुभागमन

बिटिया दामाद का शुभागमन
महक उठा सारा घर आँगन
पूरी बस्ती में खबर उड़ी
घर घर में उछली खीरपुरी
खुशियों के लग गए पंख
स्वागत में बज उठे शंख

कामकाज सब हुए ठप्प
सब ठौर हो रही गप्प गप्प
हैरान हुई दे दे दस्तक
तिल भर सिकन न आई मस्तक
मस्ती की छन रही भंग
टली बिदा उमड़ी उमंग
[भोपाल:१०.१० .०७]

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