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Friday, 20 March 2009

ढाई आखर सार

रंगों का त्यौहार
खुशियों का उपहार
गली गली में जली होलियाँ
हाथ हाथ में भुनी बालियाँ
तैयार हुए गुजिया पकवान
घर बखरी में सजीं थालियाँ
खुले सभी के द्वार
पूरी हों मनुहार
अमराई महुआ बौराया
कोयल भौरा वन हुलसाया
सेमल कोरल पलाश फूले
लाल गुलाल भंग पीआया
लाल लाल संसार
रंगों की बौछार
मोंती होरी धनिया नाचे
फाग ठुमरियां फगुआ बांचें
मन मथुरा तन 'बरसाना'
जन गण मन की खिलती बाछें
ढाई आखर सार
कबीरा उतरा पार
[ भोपाल : २०.०३.०९]

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