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Wednesday, 30 July 2008

जब मै पहुंचा गाव

जब मै पहुंचा गाव सभी ने
हाथों हाथ लिया

नीम आम गदगदहो बोले
सुस्ता लो शीतल छैयाँ
पीपल बिजना लगा डुलाने
लगीं रभाने बछिया गैयाँ
कुआँ बावड़ी ने भर लोटा
दोनों हाथ दिया

इकलौता लल्लू घर आया
कानों कान खबर फ़ैली
उमड़ पडा सब गाव मिलन को
भर भर खुशियों की थैली
नाच उठा अम्मा बापू का
ठंडा हुआ हिया

जब तक रहा गाँव में आया
घर घर से भीना न्यौता
सोने से पहले माँ कहती
भरा कटोरा दो रीता
खबर सुनी जब से जाने की
रो रो दिया जिया
[भोपाल:०३.१०.०७]

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