सचमुच में बेमानी है !
सूरज से
यह कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
dhadkan
जब से उसने होश संभाला
बांटा सहस्त्र करों से उजाला
जहां कहीं भी तम का डेरा
रोज़ सुबह से डेरा डाला
ऐसे सूरज
से कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
सूरज जब तक ताप न देता
सागर तबतक भाप न देता
टस से मस न होता मौसम
जब तक सूरज संकेत न देता
धड़कन है
सबकी सूरज
ऐसे सूरज से
यह कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
दुनिया में जीवन की बाती
सबको है सूरज की थाती
हँसने गाने को जो लिखता
बिना चूक के अनुपम पाती
यों ही जबरन
टांग अड़ाना
सूरज से
कहना
सूरज रे
जलते रहना
शत प्रतिशत वे मानी है !
[ह्यूस्टन : अमेरिका :०९.०१.२०१२]
सूरज से
यह कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
dhadkan
जब से उसने होश संभाला
बांटा सहस्त्र करों से उजाला
जहां कहीं भी तम का डेरा
रोज़ सुबह से डेरा डाला
ऐसे सूरज
से कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
सूरज जब तक ताप न देता
सागर तबतक भाप न देता
टस से मस न होता मौसम
जब तक सूरज संकेत न देता
धड़कन है
सबकी सूरज
ऐसे सूरज से
यह कहना
सूरज रे
जलते रहना
सचमुच में बेमानी है !
दुनिया में जीवन की बाती
सबको है सूरज की थाती
हँसने गाने को जो लिखता
बिना चूक के अनुपम पाती
यों ही जबरन
टांग अड़ाना
सूरज से
कहना
सूरज रे
जलते रहना
शत प्रतिशत वे मानी है !
[ह्यूस्टन : अमेरिका :०९.०१.२०१२]