सुबह सुबह का सुखद नज़ारा
सुबह सबेरे सूरज निकले
हो जैसे फुटबाल
सारा आसमान रँग जाए
लाल लाल ,बस, लाल
सब जग का भागे अंधियारा
कोयल मैना सारे पंछी
छोड़ चले सब नीड़
आसमान में पडी दिखाई
पंख पसारे भीड़
मंजिल का दूर किनारा
क्यारी क्यारी में आ उतरी
किरणें पाव पसार
लाल टमाटर हरी मिर्च में
उमडा नया जुवार
खुशियों का खुला पिटारा
लाल गुलाब हरी डूब पर
उतरा नया खुमार
रंग बिरंगे फूल फूल पर
किरणें हुईं सवार
करते मोहन किशन इशारा
[भरूच :नीरजा :११.०६.०८]
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