ठेंगा दिखा दिखा कर हंसता
रघुआ को मधुमास
हल कुदाल खुरपी समझाती
मेहनत का अनुवाद
हरी भरी फसलों के संग संग
नाच उठे अनुवाद
आसमान में लगा तैरने
रघुआ का विश्वास
खड़ी फसल की सूदखोर जब
नीलामी करबाता
सदमा खा सुखिया चल बसती
बिना कफन दफनाता
तबसे ही चिंता में डूबा
rघुआ रहे उदास
आठ आठ आँसू रोता है
छानी छप्पर बचपन
बिना मौत चिंता ने चाता
यद्धपि था बो पचपन
समय समाज सभी को अखरा
रघुआ योग समास
[रेल यात्रा : भोपाल से बुरहानपुर :३० .०८ .००७]
1 comment:
हल कुदाल खुरपी समझाती
मेहनत का अनुवाद - बहुत बढिया, अच्छा लिखा।
Please remove the word verification, it creates unnecessary problem agian n again.
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