अजब कहानी
सुनो सुनाता अजब कहानी
पानीदार हुए बेपानी
सरिताओं की गायब कलकल /तन मन छीजरहा पलपल
याद आरही सबको नानी ...
हार खेत को मिले ना पानी /फसलें कैसे हो मनमानी
जीवन की मिट रही निशानी ...
धरा गगन की बदली भाषा /मौसम की गड़बड़ परिभाषा
गूंजे घोर प्रदूषण वाणी ...
पानी दार ध्यान से सुनना /जो कहता हूँ उसको गुनना
मत करना अपनी मनमानी ...
जिसके अपने सपने जैसे /कदम उठाए यदि वे बैसे
बने सफलता अमित निशानी ...
[भोपाल:०३.०६..२०१९]
सुनो सुनाता अजब कहानी
पानीदार हुए बेपानी
सरिताओं की गायब कलकल /तन मन छीजरहा पलपल
याद आरही सबको नानी ...
हार खेत को मिले ना पानी /फसलें कैसे हो मनमानी
जीवन की मिट रही निशानी ...
धरा गगन की बदली भाषा /मौसम की गड़बड़ परिभाषा
गूंजे घोर प्रदूषण वाणी ...
पानी दार ध्यान से सुनना /जो कहता हूँ उसको गुनना
मत करना अपनी मनमानी ...
जिसके अपने सपने जैसे /कदम उठाए यदि वे बैसे
बने सफलता अमित निशानी ...
[भोपाल:०३.०६..२०१९]