पहली उड़ान डॉक्टर आनन्द का बाल गीत सफर कर चुके बच्चे सोचे /मज़ा गज़ब का आया वायुयान का चालक बनना /कुछ के मन को भाया हँसी खुशी से माम डेड को/उसने यह बतलाया पहली उड़ान मुझे उड़ाना/साफ साफ़ समझाया " भरी खचाखच हो बच्चों से /जग की सैर कराऊँ हँसी खुशी से याद करें जो/ ऐसा सबक सिखाऊँ जो बच्चा जो कुछ भी मांगे /उसको बही खिलाऊँ सबको हँसते खिलते देखूं /गंगा नीर पिलाऊँ सब बच्चों को गले मिलें /ऐसा पाठ पढाएं जस माटी में खेले कूदे /उसका मान बढ़ाएँ [अमरीका :हयूस्टन :०८.०८.२०११]