यह तो
अपना घर
यहाँ
कौन सा डर?
खिड़की दरबाजे बजा रहे ताली
बरसों बाद मिलन नचती खुशहाली
घर हो
जगर मगर
तम हो
तितर बितर
ठहरो ठहरो घर बुला रहा तुमको
दशों दिशाएँ अवनी अम्बर जाने
बहे खबर
सर सर
निर्झर -सी
झर झर
असमंजस का तम उड़े हवा में फर फर
रेशम धागे प्रेम दिवाने सचमुच तर बतर
बिछ बिछ
जाए घर
शहद सा
है स्वर
[सैंट जॉन :कनाडा :०७.११.२०११]
अपना घर
यहाँ
कौन सा डर?
खिड़की दरबाजे बजा रहे ताली
बरसों बाद मिलन नचती खुशहाली
घर हो
जगर मगर
तम हो
तितर बितर
ठहरो ठहरो घर बुला रहा तुमको
दशों दिशाएँ अवनी अम्बर जाने
बहे खबर
सर सर
निर्झर -सी
झर झर
असमंजस का तम उड़े हवा में फर फर
रेशम धागे प्रेम दिवाने सचमुच तर बतर
बिछ बिछ
जाए घर
शहद सा
है स्वर
[सैंट जॉन :कनाडा :०७.११.२०११]