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Monday, 12 June 2017

आनंदका प्रभाती गीत


  • प्रभाती गीत
    सूरज निकला हुआ सबेरा
    पूँछ दबाकर भगा अँधेरा
    देखो जाग गया जग सारा
    तूँ मेरी आँखों का तारा
    मेरे बेटे जग जा जग जा
    बितर से तूँ उठ जा उठ जा

    वन उपवन सब पंछी जागे
    खुशियाँ नाचें सबके आगे
    तितली भौरा गाते गाना
    कोयल गाती मधुर तराना
    अरे लाड़ले सुन सुन जग जा
    बिस्तर से तूँ उठ जा उठ जा
    घर आगन में खेल खेलना
    चोट लगे तो उसे झेलना
    भावी जीवन की तैयारी
    नहीं खलेगी पड़े न् भारी
    [ह्यूस्टन ;१२.०६..२०१७]
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  • प्रभाती गीत
    सूरज निकला हुआ सबेरा
    पूँछ दबाकर भगा अँधेरा
    देखो जाग गया जग सारा
    तूँ मेरी आँखों का तारा
    मेरे बेटे जग जा जग जा
    बितर से तूँ उठ जा उठ जा

    वन उपवन सब पंछी जागे
    खुशियाँ नाचें सबके आगे
    तितली भौरा गाते गाना
    कोयल गाती मधुर तराना
    अरे लाड़ले सुन सुन जग जा
    बिस्तर से तूँ उठ जा उठ जा
    घर आगन में खेल खेलना
    चोट लगे तो उसे झेलना
    भावी जीवन की तैयारी
    नहीं खलेगी पड़े न् भारी
    [ह्यूस्टन ;१२.०६..२०१७]
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