गीतों का श्रृंगार करेंगें
सुख दुःख इस जीवन में
जब से होश सभाला मैनें
माँ ने पाठ पढाया
गिरना उठना आगे बढ़ना
गीता सार बताया
लुका-छिपी का खेल रचेंगें
सुख दुःख इस जीवन में
बापू ने खलिहान खेत में
जगमग ज्योति जलाई
मिलीं विरासत में सौगातें
ज्यों की त्यों लौटाईं
फूंक फूंक कर कदम रखेंगे
सुख दुःख इस जीवन में
जब दुःख आए आँसू पीना
सुख में मत इतराना
राम राम कह सुख 'बनिया 'को
तीते घाव सुखाना
नवगीतों का खाट बुनेंगे
सुख दुःख इस जीवन में
bhopaal ०५.०७.०९]